संकट निवारण से परिपूर्ण सिद्ध श्री पंचमुखी हनुमान कवच
भारत में शायद ही ऐसा कोई गाँव या शहर होगा जहाँ मारुति नंदन श्री हनुमान जी पूजा न हो। जिसके स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच शत्रुओं का नाश हो जाता है ऐसे श्री भगवान का यह कवच अतुलनीय है। हनुमान जी के पंचमुख में पूर्व में वानर कृष्ण मुख, ऊर्ध्व में घोड़ा समान मुख, सभी प्रकार की विपत्तियों का नाश करने वाले हैं। कामनाओं की पूर्ति व इच्छा फल प्रदान करने वाले हैं। रामायण के अनुशीलन से हनुमान शास्त्र-मर्मज्ञ और अपूर्व विद्वान व पराक्रम का पता चलता है।
धारण करने से लाभ:
इस कवच को धारण करने से धारण कर्ता श्री हनुमान जी का परम भक्त हो जाता है। और हनुमान जी अपने भक्तों के हर कष्टों का निवारण कर उन्हें बल बुद्धि, विद्या प्रदान करते हैं। श्री हनुमान जी चिरंजीव हैं तथा जब तक यह पृथ्वी है, तब तक भगवान श्री हनुमान जी इस पृथ्वी पर रहकर अपने भक्तों का कल्याण करते रहेंगे।
धारण विधि:
श्री पंचमुखी कवच को प्रातः मंगलवार को शुद्धता पूर्वक गंगाजल, कच्चा दूध इत्यादि पंच स्नान बनाकर करवायें तत्पश्च्यात् निम्न मंत्र ॐ हं हनुमंते रुद्रात्मकाय हुं फट उच्चारण करते हुए धारण करें।